ताजा समाचार

हरियाणा के राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा के लिए आई खुशी की खबर

सत्य ख़बर, चण्डीगढ़ ।

हरियाणा के राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा को बड़ी राहत मिली है। इसकी वजह है कि कांग्रेस नेता अजय माकन ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में उनके चुनाव को रद्द करने की याचिका को वापस ले लिया है। हाईकोर्ट ने भी उनकी ये दलील स्वीकार कर ली है। हाईकोर्ट की ओर से उनके याचिका वापस लेने वाली आवेदन को स्वीकार करते हुए कहा है कि आज लोगों को इसकी जानकारी मिल सके, इसके लिए आधिकारिक राजपत्र में इसको प्रकाशित किया जाए।

याचिका वापस लेने की वजह

अजय माकन ने हाईकोर्ट में बताते हुए कहा है कि वह अब इस मामले को आगे बढ़ाना नहीं चाहते हैं, क्योंकि अब वह 27 फरवरी को कर्नाटक राज्य से राज्यसभा सांसद चुन लिए गए हैं।

Haryana Crime News: सोनीपत में पुलिस पर उठे सवाल! DSP बनकर युवक से मारपीट और लूट
Haryana Crime News: सोनीपत में पुलिस पर उठे सवाल! DSP बनकर युवक से मारपीट और लूट

कांग्रेसी नेता अजय माकन ने धारा 80, 80A, 81.83. 100, 101 और संबंधित कानून के तहत दायर अपनी याचिका में पूर्व कांग्रेसी नेता विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय शर्मा का राज्य सभा चुनाव चुनाव रद्द करने की मांग की थी। याचिका में उन्होंने उनसे अधिक वैध वोट हासिल करने के लिए शर्मा के स्थान पर उन्हें निर्वाचित घोषित करने के निर्देश भी हाईकोर्ट में मांगे थे।

माकन ने हरियाणा से दो राज्यसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गए थे। याचिका में कहा गया कि राज्यसभा के लिए कार्तिकेय शर्मा का चुनाव 10 जून 2022 को हुआ था।

याचिका में ये बताई गई वजह

हाईकोर्ट को बताया गया कि मतपत्रों की वैधता जांच के दौरान यह देखा गया कि कुल 89 मतों में से एक मतदाता ने अपनी पसंद के रूप में मतपत्र पर अंक एक के बजाय नाम पर चिन्ह लगाया था। रिटर्निंग ऑफिसर ने नियम के तहत उस मतपत्र को अमान्य बता कर खारिज कर दिया। याचिका के अनुसार, याचिकाकर्ता के चुनाव एजेंट बीबी बत्रा, जो हरियाणा विधानसभा के मौजूदा विधायक हैं, उनके द्वारा लिखित में आपत्ति दर्ज कराई गई थी, जिसमें विशेष रूप से बताया गया था कि यह वोट निर्धारित नियमों के खिलाफ था।

हरियाणा-पंजाब पानी विवाद: सर्वदलीय बैठक शुरू, हरियाणा सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में
हरियाणा-पंजाब पानी विवाद: सर्वदलीय बैठक शुरू, हरियाणा सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में

एजेंट ने अपनी आपत्ति में विशेष रूप से यह भी बताया था कि नियमों के तहत निर्धारित उचित कॉलम में वोट को चिह्नित नहीं किया गया है। ऐसे में यह वोट अमान्य है। हालांकि, रिटर्निंग ऑफिसर ने बिना कोई वैध कारण बताए उपरोक्त आपत्ति को खारिज कर दिया था। कोर्ट को बताया गया था कि रिटर्निंग ऑफिसर ने नियमों के अनुसार उसकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की।

अगर उस आपत्ति को स्वीकार कर लिया जाता तो वह राज्यसभा के लिए चुने जाते। कोर्ट से मांग की गई है कि इस याचिका के विचाराधीन रहने तक चुनाव का रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जाए।

Back to top button